Uttarashada Nakshatra
Uttarashada Nakshatra
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र : सरकारी नौकरियों में मिलता है पहला स्थान
“नक्षत्र ज्योतिष” में उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 21वां स्थान रखता है. उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र का स्वामी सूर्य होता है, सूर्य की चमक व्यक्ति विशेष को उसके कार्यक्षेत्र में बेहद अमूल्य अवसर देने वाली होती है इस बात को इस तथ्य से भी समझा जा सकता है कि ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रह आत्मा का प्रतिरूप बनता है उसी का प्रकाश हमें अपने जीवन में उचित चीजों को अपनाने में मदद करता है. इस नक्षत्र का राशि अधिपति गुरु और शनि दोनों बनते हैं क्योंकि उत्तराषाढ़ा के आरंभिक एक चरण में गुरु की राशि धनु आती है और उत्तराषाढ़ा के अंतिम तीन चरण मकर राशि में पड़ते हैं. इस कारण व्यक्ति अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों पर इन तीन विशेष ग्रहों की भूमिका से प्रभावित होता है.
जब करियर की बात आती है तो इस नक्षत्र के विशेष गुणों का प्रभाव जातक को कदम कदम पर मार्गदर्शन करने वाला होता है और साथ में सही दिशा की ओर ले जाने वाला भी होता है. तो चलिये जानने की कोशिश करते हैं की आखिर इस उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का जातक अपने लिए कौन से काम को करने में आगे रहता है. कैसे विभिन्न क्षेत्रों में इनकी प्रगति होती है और कौन से ग्रह अपना असर इन नक्षत्र के साथ मिलकर देने में सक्षम होते हैं.
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र और करियर चयन का फैसला
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में अगर आपका जन्म हुआ है या यह नक्षत्र आपकी जन्म कुंडली के लग्न भाव, छठे भाव, दशम भाव को प्रभावित कर रहा है तब इस स्थिति में व्यक्ति का रुझान उन कामों की ओर अधिक रहेगा जो इस नक्षत्र में आते होंगे. इसके अलावा यदि “दशमांश वर्ग कुंडली” में इस नक्षत्र की भूमिका दशम भाव और लग्न को प्रभावित करती है तब भी इस नक्षत्र से जुड़े कामों में व्यक्ति अवश्य शामिल होता देखा गया है. इस बात को हम इस तरह से समझ सकते हैं की किसी की कुंडली में लग्न भाव में इस नक्षत्र का योग बन रहा है और दशम भाव के साथ इसके ग्रह की युति है तब उस स्थिति में व्यक्ति की नौकरी या उसका कारोबार इस नक्षत्र के प्रभाव को अवश्य पाता है.
"ज्योतिष शास्त्र" अनुसार पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति की चार्ट में अगर मंगल और सूर्य अच्छी शुभ स्थिति में हों तो जातक को प्रशासक और अच्छा नेता बनने में मदद मिलती है. ऎसा इस कारन से है क्योंकि सूर्य इस नक्षत्र का स्वामी होता है तो वहीं मंगल का साहस इस को मिल जाने से व्यक्ति नेतृत्व का गुण पाता है. साहसिक कामों को करने में आगे रहेगा. व्यक्ति को अगर गुरु की राशि धनु में इन दोनों ग्रहों की स्थिति अगर मिल जाए तब ऎसे में सेना के क्षेत्र में व्यक्ति काफी उच्च स्तर की पद प्राप्ति करता है.
“सरकारी नौकरी” के मामले में भी इस नक्षत्र से प्रभावित जातकों को मिलती है सफलता. सूर्य मंगल गुरु जैसे ग्रहों का योग और शनि की शुभ स्थिति मिलने पर सरकार से लाभ, सरकार में उच्च पद प्राप्ति का योग जन्म लेता है.
करियर में कब मिलती है असफलता या अवसरों की कमी
अब जब हम बात कर रहे हैं इस नक्षत्र में जन्मे जातक के काम की तो कई लोग इस बात से पूर्ण रूप से सहमत नहीं हो पाएंगे, कि उन्हें इतने अच्छे काम की प्राप्ति हुई हो या वह सरकारी नौकरी में असफल रह गए हों. तो इस स्थिति में वो कारक काम करते हैं जिन्हें हमने नहीं समझा. करियर ज्योतिष में इसी बात को समझने पर अधिक जोर दिया जाता है की आखिर कैसे हम उन अवसरों को पाएं जो हमारे लिए बने हैं लेकिन हम उन की ओर अनदेखी जैसा रुख अपना लेते हैं.
तो इस प्रश्न का उत्तर कुंडली में मौजूद आपके नक्षत्र की स्थिति में छुपा होता है. कई बार इस नक्षत्र में अच्छे योग होने पर भी लोग अपने पसंद के करियर को नहीं चुन पाते हैं क्योंकि जन्म कुंडली में ग्रह दशा, ग्रह गोचर, और नक्षत्र की स्थिति कहीं न कहीं कमजोर बन रही होती है. जन्म कुंडली में अगर नक्षत्र “पाप ग्रहों” से प्रभावित हो रहा हो, नक्षत्र का संबंध आठवें, बारहवें भाव के साथ नकारात्मक रूप से बन रहा हो तब ऐसी संभावनाएं पैदा होती हैं जिनके कारण व्यक्ति अपने बेहतर विकल्प देख नहीं पाता है. उसके हाथ से बेहतर मौके छूट जाते हैं. इसलिए जरूरी है कि अपने अवसरों की मांग को हम समझे और यदि जीवन में ऐसी परिस्थिति आए तो कैसे उससे बचें इसके लिए ज्योतिष शास्त्र की कारगर उपाय भी बताता है.
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र इस फील्ड में होते हैं सफल
इस नक्षत्र के लोगों को औद्योगिक रूप से जुड़े कामों में अच्छा अवसर मिलता है, आर्किटेक्ट, मैकेनिक, मानचित्र निर्माता, इंजीनियर या निर्माणकर्ता बन सकते हैं। अगर कुंडली में मंगल के साथ बृहस्पति या सूर्य की युति हो तो उसे राजनीति से जुड़े कार्यों में रुचि होती है। इसमें शिक्षक, विचारक, प्रोफेसर बन सकता है.
अगर दोनों ग्रह बुध के साथ स्थित हों तो व्यक्ति एक अच्छा लेखक बन सकता है। उसके पास एक अच्छे वक्ता के गुण भी होते हैं। यदि ऐसा व्यक्ति कानून के क्षेत्र में जाता है तो उसे अच्छी प्रसिद्धि और धन की प्राप्ति होती है। लेकिन, इस योग में ध्यान रखने वाली बात यह है कि कुंडली में सूर्य और बृहस्पति शुभ होने चाहिए।
आप भी अगर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से प्रभावित हैं तो अपने करियर के चयन के लिए कुंडली विश्लेषण को प्राथमिकता दें. कुंडली का सही “ज्योतिषीय मार्गदर्शन” ही आपको अपने करियर चुनने की सही योग्यता और निर्णय लेने की क्षमता देता है.
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आप इसके बारे में भी जान सकते हैं: कुंडली मिलान | जन्म कुंडली के अनुसार चिकित्सा भविष्यवाणी | जीवनकाल भविष्यवाणी
स्रोत :- https://kundlihindi.com/blog/uttarashada-nakshatra/
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